ओपीडी बंद, आपातकालीन सेवाएं चालू


कोरोना वायरस की गंभीरता एवं भयावह को देखते हुए शनिवार को जिला अस्पताल में ओपीडी बंद कर दी गई। सवेरे मात्र दो घंटे बुखार के मरीज देखे गये। जबकि दुर्घटना में घायल एवं अन्य गंभीर रोगियों का उपचार इमरजेंसी में किया गया। साथ ही जनपद के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी ओपीडी बंद रही।


जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब एक हजार से 15 सौ नये मरीज उपचार कराने पहुंचते है। लगभग इतने मरीज ही पुराने भी होते है। मरीजों के साथ तीमारदार भी होते है। इस प्रकार जिला अस्पताल में करीब चार से पांच हजार लोग प्रतिदिन पहुंचते है।


मरीजों को ओपीडी का पर्चा बनवाने, चिकित्सक को दिखाने एवं दवा लेने के लिए मरीजों अथवा उनके तीमारदार को घंटों लाइन में लगे रहना पड़ता है। इस स्थिति में पता नहीं लग सकता कि लाइन में लगा कौन व्यक्ति संदिग्ध कोरोना पीड़ित है अथवा पीड़ित। इस स्थिति से निपटने के लिए शासन ने जिला अस्पताल में सामान्य मरीजों के लिए ओपीडी बंद करने के निर्देश जारी कर दिए है।


शासन के निर्देश पर शनिवार सुबह करीब दो घंटे बुखार रोगियों के लिए ही ओपीडी के पर्चे बनाये गये। इसके बाद ओपीडी एवं दवा वितरण कक्ष बंद कर दिया गया। इस संबंध में सीएमएस डा. ज्ञानचंद का कहना है कि शासनादेश के अनुसार 31 मार्च तक ओपीडी केवल बुखार रोगियों के लिए ही खुलेगी। गंभीर रोगियों के लिए इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे खुली रहेगी।